शरीर की समस्याओं और तकलीफों को दूर करने के लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से एक है एक्यूप्रेशर। एक्यूप्रेशर एक प्राचीन हीलिंग आर्ट है, जो एक्यूपंक्चर की ट्रेडिशनल चायनीज मेडिसिन प्रेक्टिस पर बेस्ड होता है। एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल हजारों सालों से चीन में किया जाता रहा है। इस तकनीक में शरीर के कुछ खास पॉइंट्स पर प्रेशर ड़ाला जाता है। इन जगहों को एक्यूपॉइंट्स कहा जाता है। इन पॉइंट्स को प्रेस करने से मसल टेंशन को रिलीज करने और ब्लड सर्कुलेशन को प्रमोट करने में मदद मिलती है। आज हम बात करने वाले हैं हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) के बारे में। हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) के बारे में जानने से पहले जान लेते हैं कि एक्यूप्रेशर कैसे काम करता है।
एक्यूप्रेशर एशियाई बॉडीवर्क थेरेपीज में से एक है। इसमें चिकित्सक एक्यूप्रेशर पीड़ित व्यक्ति की उंगलियों, हथेलियों, कोहनी या पैरों पर इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही वो विशेष उपकरणों का उपयोग शरीर के मेरिडियन्स (Meridians) पर एक्यूपॉइंट पर दबाव डालने के लिए करते हैं। एक्यूपॉइंट सेशन के दौरान पीड़ित व्यक्ति को मसाज टेबल पर लेटाया जाता है। इसके बाद चिकित्सक आराम से उनके शरीर के निर्धारित पॉइंट्स पर प्रेशर डालते हैं। एक सेशन आमतौर पर लगभग एक घंटे तक रहता है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए रोगी को कई सेशन की आवश्यकता हो सकती है। हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) पर प्रेशर ड़ाल कर कई समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। अब जानते हैं हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) के बारे में।
जैसे कि पहले ही बताया गया है कि एक्यूप्रेशर में, प्रेशर पॉइंट्स को शरीर का सबसे पावरफुल सेंसिटिव पार्ट्स माने जाते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि हमारे शरीर के प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालने से दर्द को दूर करने, संतुलन स्थापित करने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद मिल सकती है। इस पद्धति के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं। हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) इस प्रकार हैं:
हार्ट 7 प्रेशर पॉइंट कलाई की क्रीज पर पाया जाता है। यह हमारी अनामिका और छोटी उंगली के बीच की जगह में होता है। इस प्रेशर पॉइंट के बगल में एक हड्डी होती है। रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट का दावा है कि इस जगह पर हल्का दबाव डालने से चिंता, इंसोम्निया, हार्ट पल्पिटेशन और डिप्रेशन से बचाव हो सकता है।
स्मॉल इंटेस्टाइन 3 प्रेशर पॉइंट हमारे हाथों के बाहर यानी हाथ के एज के राइट में स्थित होता है। यह पॉइंट हाथों में छोटी उंगली के ठीक नीचे होती हैं। इस पॉइंट पर हल्का प्रेशर डालने पर गर्दन की दर्द, कान में दर्द और सिरदर्द जो सिर के पिछली तरफ होता है, उससे राहत मिलती है।
यह एक्यूपॉइंट सीधेतौर पर हाथ पर नहीं होता है। इसे प्राप्त करने के लिए अपने हाथ को दूसरी कलाई के ऊपर रखें और लगभग एक इंच नीचे मापने के लिए तीन अंगुलियों का उपयोग करें। इस पॉइंट को इनर पॉइंट कहा जाता है, जो लगभग कलाई के सेंटर पर होता है। ऐसा माना जाता है कि इस प्रेशर पॉइंट पर प्रेशर डालने से जी मिचलाना और पेट में दर्द जैसी समस्या से राहत पाई जा सकती है। इसके साथ ही डायजेस्टिव प्रॉब्लम को दूर करने में भी यह लाभदायक है।
इस पॉइंट को आप हाथ की पहली अंगूठी और अंगूठे के बीच में प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पॉइंट पर आराम से प्रेशर डालने से स्ट्रेस दूर होती है। माइग्रेन को रोकने में भी यह मददगार है। इसके साथ ही कंधे, दांत और गले के दर्द को दूर करने में भी यह सहायक है।
आउटर गेट पॉइंट, इनर गेट पॉइंट के लगभग पैरेलल है। आउटर गेट पॉइंट दो टेंडन के बीच, हाथ और बाजू के ऊपर की तरफ इनर गेट पॉइंट के लगभग पैरेलल होता है। ऐसा माना जाता है कि यहां दबाव डालने से व्यक्ति की ऊर्जा बढ़ती है और इम्युनिटी मजबूत होती है।
टेन डिस्परजंस प्रेशर पॉइंट को हरेक उंगली की टिप को माना जाता है। इन पॉइंट्स पर प्रेशर अप्लाई करने और इन पॉइंट्स पर एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल करने से सामान्य फ्लू लक्षणों से निजात पाई जा सकती है जैसे है फीवर और गले में खराश आदि। ऐसा भी माना जाता है कि इन पॉइंट्स पर प्रेशर डालने से कोमा या मिर्गी (Epilepsy) की समस्या से भी राहत पाई जा सकती है।
हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) में यह पॉइंट हाथों के एज पर स्थित होते हैं। यह एक्यूपॉइंट अंगूठों की टिप से लेकर नीचे की तरफ जाता है और कलाई की क्रीज के ठीक नीचे समाप्त होता है। इस लाइन के साथ अंगूठे की तरफ जाते हुए अगर इस लाइन में कोई पीड़ादायक स्पॉट मिलता है, तो डॉक्टर इस स्पॉट पर तब तक जेंटली मसाज करने की सलाह देते हैं, जब तक पीड़ित व्यक्ति को अच्छा न महसूस न हो जाए। इस एक्यूप्रेशर पॉइंट पर मालिश करने से सर्दी-जुकाम के लक्षणों जैसे ठंड़ लगना, छींक आना, नाक का बहना और गले में खराश जैसी समस्या से राहत मिल सकती है।
फॉर सिम्स पॉइंट को हम हर उंगली यानी इंडेक्स फिंगर, मिडिल फिंगर, रिंग फिंगर और छोटी उंगली के लार्ज जॉइंट के अंदर प्राप्त कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) में यह पॉइंट डायजेस्टिव समस्याओं के लिए फायदेमंद है। खासतौर पर बच्चों के लिए इसे खासतौर पर लाभदायक माना जाता है।
यह तो थी हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) यानी एक्यूपॉइंट्स के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि यह प्रेशर पॉइंट क्या सच में काम करते हैं?
हालांकि, इस बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं है कि यह एक्यूप्रेशर किस तरह से प्रभावी हैं। एक्यूप्रेशर या रिफ्लेक्सोलॉजी को ट्राय किया जा सकता है। हालांकि, इन क्षेत्रों पर दबाव डालने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन, कोई भी हेल्थ प्रॉब्लम होने पर इन प्रेशर पॉइंट थेरेपी को ट्राय करने के साथ ही डॉक्टर की सलाह के अनुसार मेडिकल ट्रीटमेंट लेना जरूरी है। यही नहीं, जिन लोगों को ब्लड क्लॉट्स की समस्या है या ब्लड क्लॉट्स होने की संभावना है, वो एक्यूप्रेशर या मालिश कराने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछें।
उम्मीद है कि हाथों में एक्यूप्रेशर पॉइंट्स (Acupressure Points On Hands) के बारे में यह जानकारी पसंद आई होगी। हाथों में कई प्रेशर पॉइंट्स होते हैं। एक्यूप्रेशर और रिफ्लेक्सोलॉजी के समर्थकों का मानना है कि ये बिंदु शरीर के अन्य हिस्सों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन, एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल के लिए किसी लाइसेंस्ड प्रैक्टिशनर की मदद लें, जिन्होंने प्रेशर पॉइंट्स के बारे में स्टडी की हो और यह जानते हों कि यह कैसे काम करती हैं। इस बारे में आपको यह जानकारी होना भी जरुरी है कि बीमारियों के उपचार के लिए प्रेशर पॉइंट्स यानी एक्यूपॉइंट्स के इस्तेमाल के सपोर्ट में बहुत कम स्टडीज मौजूद हैं। हालांकि, लोग रेगुलर मेडिकल ट्रीटमेंट्स के अलावा हैंड प्रेशर पॉइंट्स का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकते हैं। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें।